The Transformation of coaching industry: जब धंधा ही है तो टैक्स भरो

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Published at : October 13, 2021

भारत हमेशा से महान शिक्षकों और छात्रों का देश रहा है। द्रोणाचार्य और अर्जुन, चाणक्य और चंद्रगुप्त मौर्य जैसे कई उदाहरण आपको भारत के इतिहास में देखने को मिलेंगे। वास्तव में, भारत में प्राचीन युग के शिक्षण केंद्र जैसे नालंदा विश्वविद्यालय, तक्षशिला विश्वविद्यालय और विक्रमशिला विश्वविद्यालय विश्व प्रसिद्ध थे और दुनिया भर के विद्वान इन शीर्ष शिक्षा केंद्रों में अध्ययन करने आते थे। परंतु समय के साथ शिक्षा के साथ उसके तौर तरिके बदले फिर भारत में कोचिंग इंस्टीट्यूट एक बड़ा बिजनेस सेक्टर बनकर सामने आया है। वर्तमान में सभी छोटे बड़े शहरों में सैकड़ों छोटे बड़े कोचिंग संस्थान कार्य कर रहे हैं। पटना, वाराणसी, लखनऊ, इलाहाबाद, दिल्ली, कोटा आदि बड़े कोचिंग हब बन चुके हैं। हालांकि, एक समय ऐसा था कि कोचिंग-ट्यूशन करने को सामाजिक अपमान समझा जाता था क्योंकि ऐसा करने वाले बच्चों को कमजोर समझा जाता था, लेकिन समय के साथ दौर बदल गया है। आज कोचिंग विद्यालयी शिक्षा की तरह ही एक आवश्यकता बन गया है। कोचिंग क्लास विद्यार्थियों की जरूरत के साथी एक फ़ैशन बन चुका है, पर क्या इन कोचिंग संस्थानो को कर में छूट नहीं दी जानी चाह
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